Career in Dairy Technology / डेयरी टेक्नोलॉजी में करियर

What: India is the highest milk producer in the entire globe. India is well known as the ‘Oyster’ of the global dairy industry, with opportunities galore for the entrepreneurs globally. It might be dream for any nation in the world to capitalize on the largest and fastest growing milk and milk products’ market. The dairy industry in India has been witnessing rapid growth with liberalization. As the economy provides good opportunities for MNCs and foreign investors to release the full potential of this industry. The main objective of the Indian Dairy Industry is to manage the national resources in a manner to enhance milk production and upgrade milk processing using innovative technologies.

A skilled engineer employed in private sector can expect income around Rs. 10,000 – Rs. 20,000 every month in the beginning stage. After gaining experience one can earn around 30,000 – 45,000 every month. Graduates are generally recruited as trainees and shift officers. General Managers get salary of Rs 1, 20,000 and upwards every month.

How: The dairy industry produces a range of milk products- milk, butter, cheese, ghee, condensed milk, powdered milk, yoghurt, etc. while providing raw material for many other industries. With production expected to triple in the next 10 years, India will easily emerge as the world’s leading producer of milk products.

Job opportunities exist in both government and non-government sectors. The National Dairy Development Board (NDDB), a multi-locational organization involved in planning, implementing, financing and supporting farmer-owned professionally agri-business enterprises is the core PSU in this field, although with almost every state aping Amul’s ‘cooperative’ success, employment opportunities have increased manifold for both technologists as well as  managers, both in production as well as marketing.

There are now more than 400 dairy plants in the country making various types of milk products. They need good qualified and well trained personnel to run the plants efficiently. Some of the options are;

Dairy Scientists: Dairy Technologists: Dairy Engineers: Marketing Personnel:

Where: For pursuing undergraduate course a candidate requires a minimum 10 + 2 Science with Chemistry, Physics, Mathematics, Biology and English and with a minimum aggregate of 55 %. Selection is on the basis of an All India Entrance Examination. The B.Sc/ B.Tech (Bachelor of Veterinary Science and Animal Husbandry) is a four year programme after 10+2, and the Dairy Diploma course of two years duration for lower level technical positions. After graduating in dairying, candidates can opt for further studies and specialisation through a Master Programme in Dairying, or related areas such as genetics and breeding, livestock production, animal biotechnology or of food technology and preservation.

Institutions:

क्याः भारत पूरी दुनिया में सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश है। विश्व स्तर पर उद्यमियों के लिए मौजूद अवसरों के साथ भारत को ग्लोबल डेयरी इंडस्ट्री के ओएस्टर के रूप में जाना जाता है। सबसे बड़े और तेजी से उभरते हुए दूध और दूध उत्पादों के बाजार का इस्तेमाल करना दुनिया में किसी भी देश का सपना हो सकता है। उदारीकरण के साथ भारत के डेयरी उद्योग में तेजी से विकास हुआ है। क्योंकि अर्थव्यव्स्था द्वारा बहुराष्ट्रीय कंपनियों और विदेशी निवेशकों को इस इंडस्ट्री का उपयोग करने के लिए शानदार अवसर प्रदान किए जा रहे हैं। भारतीय डेयरी उद्योग का मुख्य उद्देश्य दूध के उत्पादन को बढ़ाना और अभिनव प्रौद्योगिकियों का उपयोग करते हुए दूध के प्रसंस्करण को उन्नत बनाना है।

शुरुआती स्तर पर प्राइवेट सेक्टर में कार्यरत एक कुशल इंजीनियर द्वारा प्रतिमाह दस से बीस हजार रुपये वेतन की उम्मीद की जा सकती है। अनुभव प्राप्त करने के बाद प्रतिमाह तकरीबन तीस से पैतालिस हजार रुपये अर्जित किए जा सकते हैं। ग्रेजुएट्स को आमतौर पर बतौर ट्रेनी या शिफ्ट ऑफिसर भर्ती किया जाता है। जनरल मैनेजर्स को प्रतिमाह 1,20,000 रुपये या इससे भी ज्यादा वेतन प्रदान किया जाता है।

कैसेः डेयरी इंडस्ट्री द्वारा दुग्ध उत्पादों के पूरे रेंज की पेशकश की जाती है- जिसमें दूध, मक्खन, पनीर, घी, कंडेंस्ड मिल्क, पाउडर्ड दूध, दही शामिल हैं। इसके अलावा कई अन्य इंडस्ट्रिज को को कच्चा माल भी उपलब्ध कराया जाता है। अगले 10 वर्षों में उत्पादन में तीन गुने की बढ़ोत्तरी की उम्मीद के साथ भारत निश्चित ही मिल्क प्रोडक्ट्स में दुनियां के लीडिंग प्रोड्यूसर के तौर पर उभरेगा।

रोजगार के अवसर सरकारी और गैर-सरकारी दोनों क्षेत्रों में मौजूद हैं। द नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड(एनडीडीबी) एक मल्टी लोकेशनल ऑर्गेनाइजेशन और इस क्षेत्र का मुख्य पीएसयू है जिसके द्वारा किसानो के स्वामित्व वाले एग्री बिजनेस इंटरप्राइजेज को बनाने, क्रियान्वन कराने व फाइनेंस कराने में मदद की जाती है, हालांकि लगभग प्रत्येक राज्य द्वारा मनाई जा रही अमूल कॉपरेटिव की सफलता के जश्न के साथ प्रोडक्शन के साथ साथ मार्केटिंग के क्षेत्र में भी रोजगार के अवसरों में इजाफा हुआ है।

फिलहाल देश में चार सौ से ज्यादा डेयरी प्लांट्स है जहां विभिन्न प्रकार के दुग्ध उत्पादों को तैयार किया जाता है। प्लांट को कुशलतापूर्वक चलाने के लिए योग्य और अच्छी तरह से प्रशिक्षित कर्मियों की जरूरत होती है। कुछ विकल्प निम्नलिखित हैः-
डेयरी साइंटिस्ट, डेयरी टेक्नालॉजिस्ट, डेयरी इंजीनियसर्, मार्केटिंग कर्मी

कहांः अंडरग्रेजुएट कोर्स के लिए अभ्यर्थी को कैमिस्ट्री, फिजिक्स, मैथमैटिक्स, बायोलॉजी और अंग्रेजी जैसे विषयों के साथ 55 प्रतिशत अंको से 10़2 पास होना चाहिए। चयन अखिल भारतीय प्रवेश परीक्षा के आधार पर किया जाता है। बारहवीं के बाद चार वर्षीय बी.एससी या बी.टेक (बैचलर ऑफ वैटर्निटी साइंस एड एनिमल हसबेंड्री) किया जा सकता है जबकि निचले स्तर के तकनीकी पदों के लिए दो वर्षीय डेयरी डिप्लोमा कोर्सेज उपलब्ध हैं। डेयरी में ग्रेजुएशन पूरा करने के बाद अभ्यर्थी डेयरींग या इससे जुड़े अन्य क्षेत्र जैसे आनुवंशिकी और प्रजनन, पशुधन उत्पादन, पशु जैव प्रौद्योगिकी या खाद्य प्रौद्योगिकी और संरक्षण में मास्टर प्रोग्राम के माध्यम से अध्ययन और विशेषज्ञता के विकल्प को चुन सकते हैं।

संस्थानः

INSTITUTES:

  • College of Dairy and Food Science Technology (CDFST), Udaipur
  • College of Dairy Technology, Raipur
  • The College of Food and Dairy Technology, Allahabad
  • Guru Angad Dev College of Dairy Science & Technology, Punjab
  • Indira Gandhi Krishi Vishwavidyalaya, Raipur

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