Career in Knowledge Process Outsourcing (KPO) / नॉलेज प्रोसेस आउटसोर्सिंग में करियर (केपीओ)

What: Knowledge Process Outsourcing, popularly known as KPO, is a form of outsourcing wherein work regarding knowledge or information is carried out by trained professionals in a different company or subsidiary of the same organization. Usually, the work is performed in offshore locations away from the country, to save cost. KPO is one of the fastest growing industries in India, largely because of cost savings, availability of highly skilled manpower, operational efficiencies, excellent quality, expansion of existing relationships, and extensive growth in the Indian domestic market. According to a study conducted by National Association of Software and Services Companies (NASSCOM), KPO industry is expected to grow from $1.2 billion in 2003 to $17 billion by 2013-14.

One of the major reasons for the constant increase in growth of KPO industry in India is the attractive salary packages offered. As a beginner, one can earn anywhere between Rs.10, 000 and Rs.15, 000 per month. Well experienced professionals in this field can earn Rs.4, 00,000 to Rs.6, 00,000 per annum.

How: Since KPO is a recent entrant in the list of career options in India, institutes have not yet started imparting formal training in providing skills necessary for the job. Nonetheless, few institutes have come up with short-term online certificate courses and training programs at the diploma level. The purpose of such institutes is to train the professionals to excel in this field. To be eligible for the courses, the aspirant should be a graduate in any field, from a recognized university. However, a 10+2 pass can also pursue many related training and certification courses, which will provide him/her lucrative job opportunities in KPOs

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However, people, with science background, have a better chance to excel in the KPO industry simply because of their research and analytical abilities. Even management personals, doctors, engineers, lawyers, teachers, chartered accountants, economists, architects, and journalists can successfully enter the field of KPO.

Where: To be successful in the field, one must have the aptitude for outsourcing data and information precisely. He/She should possess good communication skills, confidence, and proficiency in English. The nature of work of KPOs is quite similar to BPOs, as in both cases, one has to work as part of a team and should be prepared to work for long hours and rotational shifts.

Some institutes in India have started conducting courses to train professionals to suit the needs and requirements of KPOs. Ekcelon, situated in Bangalore, is one such institute. Besides, there are numerous other institutes that offer training and certification courses in major metropolitan cities throughout India to pursue a career in KPO.

Institution:

  • Ekcelon, situated in Bangalore

Several other non-government institution spread across India

क्या: नॉलेज प्रोसेस आउटसोर्सिंग जिसे आमतौर पर केपीओ के नाम से जाना जाता है, दरअसल एक प्रकार की आउटसोर्सिंग है जिसमें जानकारी से जुड़े काम को उसी ऑर्गेनाइजेशन की अलग या सहायक कंपनी के ट्रेंड प्रोफेशनल्स द्वारा किया जाता है। आमतौर पर काम के लागत को बचाने के लिए ये काम किसी दूर देश में कराया जाता है। लागत में बचत,  उच्च कौशल युक्त जनशक्ति की उपलब्धता, परिचालन क्षमता, उत्कृष्ट गुणवत्ता, मौजूदा संबंधों के विस्तार और भारत के घरेलू बाजार में हो रहे निरंतर इजाफे की वजह से केपीओ भारत के सबसे तेजी से बढ़ते उद्योगों में शुमार है। नेशनल एसोशिएशन ऑफ सॉफ्टवेयर एंड सर्विस कंपनिज (नैसकॉम) द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार 2003 के 1.2 बिलियन के केपीओ इंडस्ट्री के 2013-14 में 17 बिलियन यूएस डॉलर तक पंहुचने उम्मीद है। 

भारत में केपीओ इंडस्ट्री में मिलने वाला आकर्षक वेतन पैकेज भी इस सेक्टर के निरंतर विकास की प्रमुख वजहो में से एक है। शुरुआती तौर पर की प्रतिमाह दस से पंद्रह हजार रुपये प्रतिमाह कमा सकता है। इस फिल्ड में अनुभवी प्रोफेशनल्स प्रतिवर्ष चार लाख से छ लाख रुपये तक प्राप्त कर सकते हैं।

कैसे: चूंकि केपीओ अभी जल्द ही भारत के कैरियर विकल्पों की सूची में शामिल हुआ है इसलिए इंस्टीट्यूट्स में इस जॉब के लिए जरुरी स्किल्स को प्रदान करने का औपचारिक प्रशिक्षण देना नहीं शुरू किया गया है। बहरहाल, कुछ इंस्टीट्यूट्स डिप्लोमा लेवल पर शॉर्ट टर्म ऑनलाइन सर्टिफिकेट कोर्स और ट्रेनिंग प्रोगाम्स की पेशकश कर रहें है। इन इंस्टीट्यूट्स का मकसद प्रोफेशनल्स को ट्रेनिंग के माध्यम से क्षेत्र में उत्कृष्टता दिलाना है। इस कोर्स के लिए उम्मीदवार किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से किसी भी क्षेत्र में स्नातक होना चाहिए। हालांकि, 10 +2 पास के लिए भी कई ट्रेनिंग और सर्टिफिकेशन कोर्स उपलब्ध हैं जो उन्हे केपीओ के क्षेत्र में आकर्षक नौकरियों के अवसर प्रदान करेंगे।

हालांकि विज्ञान की पृष्ठभूमि से आने वाले लोगो के लिए उनके अनुसंधान और विश्लेषणात्मक क्षमता की वजह से केपीओ इंडस्ट्री में सफल होने का बेहतर मौका है। यहां तक ​​कि मैनेजमेंट से जुड़े लोग, डॉक्टर्स, इंजीनियर्स, लॉयर्स, टीचर्स, चार्टर्ड एकाउंटेंट्स, इकोनॉमिस्ट्स, आर्किटेक्ट्स और जर्नलिस्ट्स भी केपीओ के क्षेत्र में सफलतापूर्वक प्रवेश कर सकते हैं।

कहां: इस क्षेत्र में सफल होने के लिए डेटा और सूचनाओं की आउटसोर्सिंग की समझ होना जरुरी है। इसके अलावा अच्छा कम्यूनिकेशन स्किल्स, आत्मविश्वास और इंग्लिश में प्रवीणता होना भी बेहद आवश्यक है। केपीओ की कार्यप्रणाली काफी हद तक बीपीओ जैसी होती है, दोनो क्षेत्रों में टीम के तौर पर काम करना पड़ता है और इस सेक्टर में काम करने वाले को लंबे और रोटेशनल शिफ्ट्स के लिए तैयार रहना पड़ता है।

भारत में कुछ संस्थानों ने केपीओ की आवश्यकताओं के अनुरूप प्रोफेशनल ट्रेनिंग देने की शुरआत की हैं। बैंगलोर में स्थित एकसेलॉन भी ऐसा ही एक संस्थान है। इसके अलावा देश के प्रमुख महानगरों में में तमाम ऐसे इंस्टीट्यूट्स हैं जो केपीओ में करियर बनाने के इच्छुक युवाओं के लिए ट्रेनिंग और सर्टिफिकेशन कोर्स को उपलब्ध करा रहीं हैं।

संस्थान:

  • एकसेलॉन, बंगलौर
  • भारत की कई अन्य गैर सरकारी संस्थाएं

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