Career in Environment Science

Career in Environment Science / पर्यावरण विज्ञान में करियर

What: Environmental science is the branch of biology concerned with the relations between organisms and their environment. Environmental Science is an interdisciplinary academic field that integrates physical and biological sciences, to the study of the environment, and the solution of environmental problems. Environmental Science provides an integrated, quantitative, and interdisciplinary approach to the study of environmental systems. Environment has been the greatest source of life for the living beings on earth. Be it food, shelter, clothes, water, sunlight, air, or any other substance for supporting life, everything is provided to us by the environment.

The rapid growth in urbanization and industrialization, however, has badly disturbed and destroyed the balance of our environment, because of which there has been unsustainable growth and development. There is a huge responsibility on the part of the environmentalist or environmental scientists to propose several environment friendly processes of development.

A graduate can expect a payment anywhere between Rs.25, 000 – Rs.45, 000. Those with post graduate degree may start with a salary range between Rs.30, 000 – Rs.60, 000. An environmental scientist can earn a starting salary between Rs.50,000 and 120,000 per month which can go up to Rs 2,50,000 per month.

How:  Environmental scientists work on subjects like the under-standing of earth processes, evaluating alternative energy systems, pollution control and mitigation, natural resource management, and the effects of global climate change.

Key attributes of an effective environmental scientist include the ability to relate space, and time relationships as well as quantitative analysis. Since the Environmental Science programs are multi-disciplinary and holistic in nature, they need an in-depth knowledge on the subject. Starters must also have the capability to work in a team or lead a team.

Where: Several institutes and colleges in India, these days offer both Undergraduate and Post-graduate programs in Environmental Science. One can go for B.Sc. or a B.E degree in Environ-mental Science. The minimum qualification required for this is 12th standard with Science subjects. The course duration is of three years.

You can also pursue Post Graduate courses in Environmental Science such as M.Sc. in Environmental Science. The duration of this course is two years and the minimum eligibility criterion in this regard is a B.Sc. degree in Environmental Science or any other related science subject. Some institutes also offer a 2-year M.Tech program in Environmental Science, for which only B.Tech or B.E candidates are eligible.

Apart from these, short-term Post Graduate Diploma programs are also there in Environmental Science and Environment Management. Doctoral or Post-doctoral programs such as M.Phil and Ph.D in Environmental Science can also be undertaken by students.

Institutions: (see below)

क्या: पर्यावरण विज्ञान बायोलॉजी की शाखा है जिसके अंतर्गत जीवों और उनके वातावरण के बीच संबंधों का अध्ययन किया जाता है। पर्यावरण विज्ञान एक अंतःविषय अकादमिक क्षेत्र है जो पर्यावरण के अध्ययन और पर्यावरण संबंधी समस्याओं के समाधान के लिए भौतिक और जैविक विज्ञान को एकीकृत करता है। पर्यावरण विज्ञान के अध्ययन से पर्यावरणीय व्यवस्था को समझने  के लिए समन्वित, मात्रात्मक और अंतःविषय दृष्टिकोण को विकसित करने में मदद मिलती है। पृथ्वी पर रहने वाले प्राणियों के लिए पर्यावरण ही जीवन का सबसे बड़ा स्रोत है। हमारे भोजन, आवास, कपड़े, पानी, धूप, हवा से लगायत जीवन को बनाए रखने वाली हर चीज हमें पर्यावरण से ही मिलती है। 

हालांकि शहरीकरण और औद्योगिकीकरण में तेजी से हुए इजाफे की वजह से पर्यावरण के संतुलन पर काफी बुरा असर पड़ा है जिसकी वजह से विकास और प्रगति में असंतुलन जैसी स्थिति पैदा हो गई है। पर्यावरणविदो और पर्यावरण वैज्ञानिकों के उपर पर्यावरण के अनुकूल नीतियों को बनाने और लोगों को जागरुक करने की बड़ी जिम्मेदारी है।

एक ग्रेजुएट की शुरुआती कमाई 25,000-45,000 रुपये प्रतिमाह तक हो सकती है जबकि पोस्ट ग्रेजुएट का शुरुआती वेतन प्रतिमाह 30,000-60,000 रुपये के बीच हो सकता है। एक एन्वॉयरेमेटंल साइंटिस्ट का शुरुआती वेतन 50,000 रुपये से 1,20,000 रुपये के बीच हो सकता है जो आगे जाकर 2,50,000 रुपये तक पहुंच सकता है।

कैसे: पर्यावरण वैज्ञानिकों को पृथ्वी की प्रक्रिया की समझ, वैकल्पिक ऊर्जा प्रणाली के आकलन, प्रदूषण नियंत्रण और उपशमन, प्राकृतिक संसाधन के प्रबंधन और वैश्विक जलवायु परिवर्तन के प्रभाव के मूल्यांकन जैसे विषयों पर काम करना होता है।

एक अच्छे पर्यावरण वैज्ञानिक के अंदर स्पेस और टाइम रिलेशनशिप को संबद्ध करने की क्षमता और मात्रात्मक विश्लेषण करना आना चाहिए। चूंकि पर्यावरण विज्ञान के कार्यक्रम प्रकृति में समग्र होते हैं इसलिए इस विषय पर गहन समझ का होना बेहद आवश्यक है। शुरुआती स्तर पर अभ्यर्थी के अंदर टीम के साथ मिलकर काम करने और टीम का नेतृत्व करने की क्षमता होनी चाहिए।

कहां: इन दिनों भारत में कई संस्थानों और कॉलेजों द्वारा पर्यावरण विज्ञान में स्नातक और स्नातकोत्तर कोर्सेज की पेशकश की जा रही है। पर्यावरण विज्ञान में बी.एससी या बी.ई की पढ़ाई की जा सकती है। इसके लिए आवश्यक योग्यता साइंस सब्जेक्ट्स के साथ इंटरमीडिएट हैं। इस कोर्स की अवधि तीन वर्ष की होती है।

आप पर्यावरण विज्ञान में एमएससी जैसे पोस्टग्रेजुएट कोर्स का चयन भी कर सकते हैं। इस कोर्स की अवधि दो साल की होती है और इसके लिए न्यूनतम पात्रता मानदंड पर्यावरण विज्ञान या किसी भी अन्य संबंधित विज्ञान के विषय में बीएससी है। कुछ इंस्टीट्यूट्स द्वारा पर्यावरण विज्ञान में 2 साल के एम.टेक प्रोग्राम की पेशकश की जा रही है जिसके लिए बी.ई या बी. टेक होना अनिवार्य होता है। 

इसके अलावा पर्यावरण विज्ञान और पर्यावरण प्रबंधन में शॉर्ट टर्म पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा प्रोग्राम्स भी उपलब्ध है। विद्यार्थियों द्वारा एमफिल और पीएचडी जैसे डॉक्टरेट या पोस्ट डॉक्टरेट प्रोग्राम्स का चयन भी किया जा सकता है।

COURSES / PROGRAMS:

  • B.Sc (Environment Science)
  • B.Sc (Botany + Environment Science)
  • B.Sc (Zoology + Environment Science)

INSTITUTES:

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