Career as a Child Counsellor / चाइल्ड काउंसलर के रुप में करियर

What:  It is very important to understand what child counselling is, it is an assessment of maladaptive behaviour, patterns and social-emotional functioning in children, adolescents, and young adults. In addition, the prevention and treatment of conditions in the individual, family and community, in order to develop, maintain, and promote emotional, social, behavioural, and interpersonal well-being within the context of daily living. It’s something very important in this age of nuclear families and working parents when children are forced to remain inside their own cocoon no matter their wings are developing or not.

A child counsellor provides counselling on a variety of problems and disorders, such as relationship issues, depression due to amity issues, exam-related anxiety and learning difficulties such as dyslexia. She/he can also provide career guidance.

A senior school counsellor, with an MA degree in psychology and a PG diploma in guidance and counselling, can draw about 25,000 a month. On average, a PGT-scale counsellor with a PG degree and three years’ experience can earn about Rs 25,000 to 35,000 a month in a big school. In a private hospital, a fresh clinical psychologist with an MPhil degree can make about Rs 30,000 a month.

How: The basic traits one needs to have for being a child counsellor is to be supportive and non-judgemental. The counselling relationship is very private and personal, and each child will respond differently. Therefore, you need to be reasonable and adaptive. However, other skills like excellent Communication skills, especially listening Interpersonal skills, Empathy, Open mindedness, Ability to win trust to establish rapport with the client Sensitive and non-intrusive can be icing on the cake.

Where: Though you may opt for any subject combination at the plus-two level to be eligible for a Bachelor’s in psychology, it is considered preferable to take science (physics, chemistry, biology) with psychology. (Some schools offer psychology in senior school.) After that do your graduation and Masters is in psychology and/or a PG diploma in guidance and counselling. For better career prospects, you may do MPhil/PhD.

Institutions: (See Below)

क्या: बच्चों की काउंसलिंग क्या होती है यह समझना बेहद महत्वपूर्ण है, यह बच्चों, किशोरों एवं युवाओं के असहज व्यवहार और सामाजिक व भावनात्मक कामकाज का आकलन होता है। इसके अलावा दैनिक जीवन के संदर्भ में भावनात्मक, सामाजिक, व्यवहारिक और पारस्परिक संबंधो को बनाए रखने और उन्हे बढ़ावा देने के साथ व्यक्तिगत, पारिवारिक और समुदायिक स्तर पर उत्पन्न व्यवधान कारणों के रोकथाम और उपचार के लिये भी इसका इस्तेमाल किया जाता है। एकल परिवारों और माँ बाप के कामकाजी होने के इस दौर में जब इसकी परवाह किये बगैर की बच्चे का संपूर्ण विकास हो रहा है या नहीं, बच्चों को सीमित दायरे में रहने को मजबूर किया जाता है ऐसे में यह और अहम हो जाता है।

बच्चों के काउंसलर रिश्तों में तनाव, पारिवारिक वजहो से हुए अवसाद, परीक्षा संबंधी तनाव और डिस्लेक्सिया जैसी तमाम समस्याओं और विकारों से निबटने के लिये काउंसलिंग करते है। इसके अलावा वह करियर के लिये मार्गदर्शन भी प्रदान कर सकते हैं।

मनोविज्ञान में एमए की डिग्री और गाइडेंस व काउंसलिंग में पीजी डिप्लोमा धारी वरिष्ठ स्कूल काउंसलर एक महीने में 25,000 रुपये तक कमा सकता है। औसतन स्नातकोत्तर की डिग्री और तीन साल के अनुभव के साथ एक पीजीटी स्तर का काउंसलर किसी बड़े स्कूल में लगभग पच्चीस हजार से पैतीस हजार रुपये तक कमा सकता हैं। एमफिल की डिग्री के साथ नया नैदानिक मनोवैज्ञानिक किसी निजी अस्पताल में 30,000 रुपये प्रति माह तक कमा सकता है।

कैसे: सहायक प्रवृति और निष्पक्ष स्वभाव चाइल्ड काउंसलर बनने के लिये बुनियादी योग्यताएं हैं। काउंसलिंग के संबंध बहुत निजी और व्यक्तिगत होतें हैं, और प्रत्येक बच्चा अलग ढंग से प्रतिक्रिया करता है। इसलिए आपको जिम्मेदार और उनके अनुकूल होने की जरूरत है। हालांकि, उत्कृष्ट संचार कौशल, पारस्परिक कौशल, सहानुभूति, व्यापक विचारधारा और हर तरह के लोगों से संबंध स्थापित करने के लिए विश्वास जीतने की क्षमता सोने पर सुहागा साबित हो सकती है।

कहां: मनोविज्ञान में स्नातक के लिये आप बारहवीं में किसी भी विषय संयोजन को चुन सकते हैं, हालांकि विज्ञान (भौतिकी, रसायन शास्त्र, जीव विज्ञान) के संयोजन को इसके लिये बेहतर माना जाता है। (कुछ विद्यालयों में सीनियर स्कूल स्तर पर मनोविज्ञान का विकल्प होता है) इसके बाद आप मनोविज्ञान में स्नातक और परास्नातक स्तर की पढ़ाई कर सकते हैं या गाइडेंस और काउंसलिंग में पीजी डिप्लोमा कर सकते हैं। करियर में बेहतर संभावनाओं के लिए आप एमफिल/पीएचडी भी कर सकते हैं।

संस्थान:

INSTITUTES:

  • Delhi University (for psychology)
  • Indira Gandhi National Open University (certificate in guidance)
  • Amity Institute of Psychology & Allied Sciences, NOIDA
  • All Major Universities in India

DISCLAIMER: We at MyLakshya (SimplifyCareer) have made extensive efforts to ensure that the content included in this website is accurate and updated. We cannot guarantee that the information is free of errors or omissions. Nor can we guarantee that it will achieve any specific purpose. In other words, WE ARE PROVIDING THE INFORMATION TO THE STUDENT “AS IS” WITHOUT WARRANTIES OF ANY KIND. WE DISCLAIM ALL OTHER WARRANTIES AND CONDITIONS, EXPRESS OR IMPLIED. We are not liable for any type of damages arising out of the use of or inability to use the information. The end user agrees that our liability for any kind of damages, no matter what they are or who caused them will not exceed the counselling fees paid to us.