Career in Pharmacy

Career in Pharmacy / फार्मेसी में कैरियर

What: Pharmacy is the branch of science that is concerned with the discovery, development, production, and distribution of drugs. The word pharmacy was derived from the Greek word pharmakon , which means remedy, and from the Egyptian term ph-ar-maki , which means bestower of security Pharmacists are responsible for the preparation, dispensing and appropriate use of medication and which provides services to achieve optimal therapeutic outcomes.

A Pharmacists job is to prepare, mix, compound or dispense drugs and medicines, ointments, powder, pills, tablets and injections on the prescription of a medical practitioner, dentist or veterinarian. Those in research concern themselves with synthesis of new drugs, clinical testing of the effects of such drugs on animals and humans, and obtaining the required License from the drug control authorities.

How: The line of pharmacy or pharmacy as a career option is not only alluring, but also lucrative. There was a popular presumption that one who chooses pharmacy as a career option will ultimately become a pharmacist, but thanks to the research and growth of Pharmaceutics (the study of manufacturing and functional mechanism of drugs) that the notion of people changed, thus making this field one of the most sought after, attractive, interesting, and lucrative. India is country of millions with both rich and poor coming equally in the same frame when we talk of diseases. This is where, Pharma comes into light.

The students who are interested in this area can join either the diploma courses after 10th level itself or can go for full-time B. Pharma course after 10+2 level (it is four year course with physics, chemistry, maths, and biology as mandatory subjects) and for higher studies one can go for M. Pharma (it is a two years master’s degree course offered after the completion of B. Pharma). One can also go for D. Pharma (it is a two year professional doctorate degree in pharmacy course). In India, a new course by the name, ‘Pharm. D’ (post baccalaureate) (2 years + 1 full working year internship in a 300-bedded hospital) is offered to B. Pharma graduates. In some countries like Africa (especially Nigeria and Kenya), a six year combined course is provided. In India, there are a large number of government and private institutes offering courses in Pharmacy.

Where:  The job avenues for a pharmacist are open in public and private sector. They are mostly absorbed in by government hospitals and health care departments. Besides they have also ample avenues in private hospitals, clinics and nursing homes. They can also work in pharmaceutical industries. Various government departments like Railways and Defence also recruit pharmacists in their departmental hospitals.

Appointments are also available in sales promotion work as medical representatives. M.pharm or Ph.D holders are normally absorbed in research work, to develop new useful drugs, in laboratories and in production work in pharmaceutical industry and analysing them for purity and strength. Pharmacist may also take up teaching as a profession as lectures in pharmacy colleges and universities.

Institutions:

  • Birla Institute of Technology, Ranchi
  • Indian Institute of Pharmacy, Jamshedpur
  • New Delhi Collage of Pharmacy, New Delhi
  • Hamdard University, New Delhi
  • Collage of Pharmaceutical Science, Manipal
  • Trivendrum College of Pharmaceutical Science, Trivendrum
  • Collage of Pharmacy, Indore
  • Bombay College of Pharmacy, Mumbai
  • Sri Jayadev College of Pharmaceutical Science, Puri

क्याः फार्मेसी विज्ञान की वह शाखा है जिसके अंतर्गत दवाओं की खोज, विकास, निर्माण व वितरण का काम किया जाता है। फार्मेसी शब्द की उत्पत्ति ग्रीक शब्द फार्माकॉन से हुई है जिसका मतलब उपचार होता है। फार्मासिस्ट्स दवाओं को बनाने, वितरित करने और उनके उपयुक्त इस्तेमाल के लिए जिम्मेदार होते हैं जिससे चिकित्सीय परिणामों को प्राप्त करने में मदद मिलती है।

फार्मासिस्ट्स द्वारा डॉक्टर्स, डेंटिस्ट्स या वेटरिनेरियन के प्रिस्क्रिप्शन पर दवाई, मलहम, पाउडर, पिल्स, टैबलेट्स व इंजेक्शन को तैयार करके उनका वितरण किया जाता है। जो लोग रिसर्च के क्षेत्र में हैं उन्हे नई दवाओं की सिन्थेसिस व पशुओं एवं मनुष्यों पर उसके प्रभावों की क्लिनिकल टेस्टिंग करनी होती है और इसके लिए ड्रग कंट्रोल अथॉरिटी से लाइसेंस लेने की आवश्यकता होती है।

कैसेः करियर विकल्प के तौर पर फार्मेसी की लाइन केवल रोचक ही नहीं बल्कि बेहद आकर्षक भी है। पहले एक आम धारणा हुआ करती थी की फार्मेसी को करियर के विकल्प रुप में चुनने वाले केवल फार्मेसिस्ट ही बन सकते हैं लेकिन शुक्र है फार्माक्युटिक्स (दवाओं की मैन्युफैक्चरिंग व फंक्शनल मैकेनिज्म की स्टडी) की रिसर्च व ग्रोथ जिससे लोगों की धारणा में बदलाव हुआ है और यह क्षेत्र बेहद आकर्षक, दिलचस्प व लोकप्रिय होकर उभरा है । भारत करोड़ों लोगों का देश हैं और बीमारियों के मामले में यहां अमीर व गरीब को एक ही फ्रेम में रखा जाता है। और इसी वजह से यहां फार्मा का भविष्य काफी उज्जवल है।

इस क्षेत्र में रुचि रखने वाले छात्र 10वीं के बाद डिप्लोमा कोर्स कर सकते हैं या फिर 10$2 के बाद फुल टाइम बी.फार्मा (यह फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी व मैथ्स जैसे अनिवार्य विषयों के साथ चार साल का कोर्स है) को चुन सकते हैं और उच्च शिक्षा के लिए एम. फार्मा(बी फार्मा के बाद किया जाने वाला दो वर्ष का मास्टर्स कोर्स है) के विकल्प को चुन सकते हैं। इसके अलावा डी.फार्मा (फार्मेसी कोर्स में दो वर्षीय प्रोफेशनल डॉक्टरेट डिग्री) का कोर्स भी उपलब्ध है। भारत में बी.फार्मा ग्रेजुएट्स के लिए फार्म डी (दो वर्ष $ 300 बेड के अस्पताल में एक साल की फुल वर्किंग इंटर्नशिप के साथ) नामक एक नए कोर्स की पेशकश की जा रही है। अफ्रीका (विशेष रूप से नाइजीरिया और केन्या) जैसे कुछ देशों में छह साल के संयुक्त कोर्सेज उपलब्ध हैं। भारत में कई सरकारी व निजी संस्थानों द्वारा फार्मेसी में कोर्सेज की पेशकश की जा रही है।

कहांः फार्मासिस्ट के लिए पब्लिक व प्राइवेट दोनो सेक्टर में रोजगार के अवसर उपलब्ध हैं। सरकारी अस्पतालों व हेल्थ केयर डिपार्टमेंट्स में बड़े पैमाने पर फार्मासिस्ट की आवश्यकता होती है। इसके अलावा प्राइवेट हॉस्पिटल्स, क्लीनिक व नर्सिंग होम में भी फार्मासिस्ट्स की जरुरत होती है। वे फार्मास्यूटिक्ल्स इंडस्ट्रीज में भी काम कर सकते हैं। रेलवे व डिफेंस जैसे विभिन्न सरकारी विभागों द्वारा भी अपने डिपार्टमेंटल हॉस्पिटल्स में फार्मासिस्ट्स को रखा जाता है।

इसके अलावा फार्मासिस्ट मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव के तौर पर सेल्स प्रमोशन का काम भी कर सकते हैं। एम.फार्मा या पीएचडी होल्डर्स को फार्मास्यूटिकल इंडस्ट्री में आमतौर पर लैबोरेट्रीज में नई दवाओं को विकसित करने के रिसर्च कार्यों में लगाया जाता है। इसके अलावा फार्मासिस्ट किसी फार्मेसी कालेज या यूनिवर्सिटी में पढ़ाने को भी बतौर प्रोफेशन चुन सकते हैं।

संस्थानः
ऽ बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, रांची
ऽ इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी, जमशेदपुर
ऽ न्यू दिल्ली कॉलेज ऑफ फार्मेसी, नई दिल्ली
ऽ हमदर्द यूनिवर्सिटी, नई दिल्ली
ऽ कॉलेज ऑफ फार्मास्यूटिकल साइंस, मणिपाल
ऽ त्रिवेन्द्रम कॉलेज ऑफ फार्मास्यूटिकल साइंस, त्रिवेन्द्रम
ऽ कॉलेज ऑफ फार्मेसी, मुंबई
ऽ श्री जयदेव कॉलेज ऑफ फार्मास्यूटिकल साइंस, पुरी

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