What: Occupational Therapy is the study of human behaviour and performance in the everyday pursuit of human occupations. It focuses on helping individuals with mental or physical illness/disabilities to achieve the highest level of functioning and wellness possible in their daily lives. Occupational Therapy is an important medical field because it involves helping to improve the quality of life for individuals with physical or mental disabilities. Occupational therapists help people who have conditions that are mentally, physically, developmentally, or emotionally disabling their ability to perform tasks in their daily living and working environments. The therapist helps clients not only to improve their basic motor functions and reasoning abilities, but also to compensate for permanent loss of function. They also help them develop, recover, or maintain daily living and work skills.
Occupational Therapists have very encouraging level of income. Fresh pass-outs can get a monthly salary of Rs 8,000-10,000. However, in private sector pay packages are quite higher, which may range from Rs 15,000 to 25,000 per month depending upon skill and experiences. Occupational Therapists working independently also can earn handsome amount, which can be something between 20,000 to 1 lac per month.
How: Occupational therapists work with individuals, families, groups and populations to facilitate health and well-being through engagement or re-engagement in occupation. Occupational therapists are becoming increasingly involved in addressing the impact of social and environmental factors that contribute to exclusion and occupational deprivation. Therapeutic use of self-care, work and play activities to increase independent function, enhances development, and prevents disability.
It may include adaptation of task or environment to achieve maximum independence and to enhance quality of life. Occupational therapists focus on making independence a reality. While complete independence may not occur depending on the extent of the disability, occupational therapists will work with the patient or client to come up with strategies, techniques, or adaptations so that they can be as independent as possible. Occupational therapists use occupations to enable this. In the context of occupational therapy, occupation refers to meaningful activity.
Entry level course for Occupational Therapists is Bachelor’s Degree in Occupational Therapy (BOT). Basic eligibility for BOT course is 10+2 pass with PCB (physics, chemistry and biology). This is a 4-years course with 6 months of compulsory internship in various clinical setting.
Where: Job opportunities in occupational therapy are available in various sectors. They can work with other medical specialties in hospitals, polyclinics, rehabilitation centres, psychiatric institutions, special schools, community mental health centres, residential care facilities, adult day-care programs, sports teams etc. Jobs in occupational therapy can be achieved in industries and architectural areas for ergonomic consultations for the higher comprehensibility by the disabled. In schools, the occupational therapists evaluate the abilities of children and recommend the therapy. The therapists help the senior citizens to lead more active, independent and fruitfulness; lives.
Institutions:
क्याः ऑक्यूपेशनल थैरेपी लोगों के रोजमर्रा के जीवन की गतिविधियों व प्रदर्शन का अध्ययन है। इसके अंतर्गत मानसिक या शारीरिक बीमारीध्विकलांगता से जूझ रहे लोगों को उनके दैनिक जीवन में कामकाज के संभावित उच्चतम स्तर को प्राप्त करने में मदद की जाती है। ऑक्यूपेशनल थैरेपी में शारीरिक या मानसिक रूप से विकलांग व्यक्तियों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने में उनकी मदद की जाती है इसलिए यह महत्वपूर्ण चिकित्सा क्षेत्र है। ऑक्यूपेशनल थैरेपिस्ट द्वारा ऐसे लोगों की मदद की जाती है जो शारीरिक, विकासात्मक, या भावनात्मक रूप से अक्षम होने के कारण अपने दैनिक जीवन के कार्यों को करनें में असमर्थ होते हैं। ऑक्यूपेशनल थैरेपिस्ट द्वारा ना केवल मरीजों के बुनियादी कार्यों व तर्क क्षमता के सुधार में मदद की जाती है बल्कि स्थायी नुकसान को ठीक करने का भी यथासंभव प्रयास किया जाता है। इसके अलावा ऑक्यूपेशनल थैरेपिस्ट डेली लिविंग व वर्क स्किल को डेवलप, रिकवर व मेनटेन करने में भी मरीजों की सहायता करते हैं।
ऑक्यूपेशनल थैरेपिस्ट के आय का स्तर काफी अच्छा होता है। फ्रेश पास-आऊट्स को प्रतिमाह 10,000 से 12,000 रुपये तक का वेतन मिलता है। हालांकि, प्राइवेट सेक्टर में पे पैकेज काफी ज्यादा होता है और यहा आपकी कौशल व अनुभव के आधार पर प्रतिमहा 15,000 से 25,000 रुपये तक हो सकता है। ऑक्यूपेशनल थैरेपिस्ट स्वतंत्र रूप से भी काम कर सकते हैं और प्रतिमाह 20,000 रुपये से 1 लाख रुपये तक कमा सकते हैं।
कैसेः ऑक्यूपेशनल थेरेपिस्ट अपने कार्यो की पुनरावृत्ति के माध्यम से बेहतर स्वास्थ्य के लिए लोगों, परिवारों या समूहों के साथ मिलकर काम करते हैं। ऑक्यूपेशनल थेरेपिस्ट्स ज्यादातर ऐसे सामाजिक व पर्यावरणीय कारकों के लिए काम करते हैं जो बहिष्कार व ऑक्यूपेशनल डिप्रिवेशन की वजह होते हैं। आत्मनिर्भरता व विकास को बढाने व विकलांगता के प्रभाव को कम करने के लिए सेल्फ केयर, वर्क और प्ले एक्टिविटिज का इस्तेमाल किया जाता है।
इसमें अधिकतम स्वतंत्रता को पाने व जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए टास्क या माहौल तैयार करना भी शामिल हो सकता है। ऑक्यूपेशनल थेरेपिस्ट्स द्वारा आत्मनिर्भरता को वास्तविकता बनाने पर फोकस किया जाता है। आमतौर पर विकलांगता के कारण पूरी तरह से आत्मनिर्भर होना संभव नहीं हो पाता है फिर भी ऑक्यूपेशनल थेरेपिस्ट्स द्वारा मरीजों के साथ मिलकर ऐसी टेक्नीक व स्ट्रेटेजी पर काम किया जाता है जिससे वो यथासंभव स्वतंत्रता को प्राप्त कर सके। ऑक्यूपेशनल थेरेपी के क्षेत्र में काम का मतलब सार्थक गतिविधियों से होता हैं।
ऑक्यूपेशनल थेरेपिस्ट के लिए एंट्री लेवल ऑक्यूपेशनल थेरेपी में बैचलर्स डिग्री (बीओटी) है। बीओटी कोर्स को करने के लिए पीसीबी (फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी) के साथ 10$2 पास होना आवश्यक है। यह विभिन्न क्लिनिकल सेटिंग में 6 महीने के अनिवार्य इंटर्नशिप के साथ एक चार साल का कोर्स है।
कहांः ऑक्यूपेशनल थेरेपिस्ट के लिए विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार के अवसर उपलब्ध हैं। वे हॉस्पिटल्स, पॉलिक्लिनिक, रिहेबिलेशन सेंटर्स, साइकेट्रिक इंस्टिट्यूशंस, स्पेशल स्कूल्स, कम्युनिटी मेंटल हैल्थ सेंटर्स, रेसिडेंशियल केयर फैसिलिटी, एडल्ट डे केयर प्रोग्राम और स्पोर्ट्स टीम के साथ काम कर सकते हैं। इसके अलावा ऑक्यूपेशनल थेरेपिस्ट के लिए इरॉगोनॉमिक कंसलटेंट्स का काम करने वाली इंडस्ट्रीज में भी रोजगार के अवसर उपलब्ध हैं। ऑक्यूपेशनल थेरेपिस्ट द्वारा वरिष्ठ नागरिकों को सक्रिय व आत्मनिर्भर बनाने में सहायता की जाती है।
संस्थानः
ऽ इंस्टिट्यूट ऑफ पब्लिक हेल्थ एंड हाइजिन, नई दिल्ली
ऽ के एम सी एच कॉलेज ऑफ ऑक्यूपेशनल थेरेपी, कोयंबटूर
ऽ ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ फिजिकल मेडिसीन एंड रिहेबिलेशन, मुंबई
ऽ क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज, वेल्लोर
ऽ कॉलेज ऑफ अलायड हेल्थ साइंसेज, मणिपाल
ऽ इंस्टिट्यूट ऑफ फिजिकली हैंडीकैप्ड, नई दिल्ली
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