What: Dietetics is the science and art of feeding individuals based on the principles of nutrition. It can also be said to be the “science and art of human nutritional care.” Diet therapy and its application in patient related settings is a major focus of dietetics. Thus, the field of dietetics can be related to: (a) nutrition care and intervention focused on the individual and (b) nutrition care and intervention focused on the group.
Diet plays a major role in promotion of health and well being of individual. A good and balanced diet habit improves the quality of life while poor diet may lead to morbidity and diseases. Nutritionists and dietetics are concerned with this aspect. While dietetics is related to food management, nutrition is related to promotion of health. Due to changes in food habits of most of the urban population, role of nutritionists and dieticians is becoming more important. They suggest corrective food habits considering various aspects of an individual such as age, work routine and sickness etc. and thereby improving their quality of life. They also educate their clients about preparation of food according to the principles of nutrition.
A fresher who has completed a course in Nutrition and Dietetics may draw anywhere between Rs. 10,000 to Rs. 20,000 in a standard hospital or nursing home of repute. When combined with a degree in hotel management, the salary levels could be between Rs 30,000 to Rs 55,000.
How: The role of dietician has come a long way since the early 1900s. Their role is still unknown to a lot of people. Some think that dieticians, as their name implies, only give out diets to make individuals lose weight, whereas this is a small part of their role. The dietician is the link between the patient and medical team or physician in assisting difficult decisions making about nutrition care. Asian Society of Parenteral and Enteral Nutrition (ASEAN) states that the dietician role in nutrition care has been recommended an adequate source and amount of balanced nutrients according to pre- established standards of care. A dilemma occurs when the disease state of the patient confound the adequacy of nutritional support, which has resulted in the patient’s malnourishment.
A candidate should have passed 10+2 (PCB) and home science to be eligible for B.Sc. in nutrition and dietetics course. Some universities also offer postgraduate diploma courses in dietetics and nutrition. The candidate has to appear for entrance exam conducted by colleges. Besides B.Sc and M.Sc. there are also 4 years food technology courses after 10+2 in science stream. There is also 2 years Master and PG Diploma course in Dietician and Public Health Nutrition (DDPHN). Those with bachelor’s degree in science, home science, hotel management & catering technology, microbiology, biochemistry and medicine are eligible for PG or Diploma.
Where: Hotels, cruise lines, hospitals, nursing homes and government health departments recruit nutrition and dietetics professionals for a good salary. If you join a shipping company such as Shell, Maersk or their subsidiary companies that run tourist ships along with logistics and oil et al., you would get the opportunity to travel to several countries situated along the shorelines.
Institutions:
क्याः डायटेटिक्स न्यूट्रिशन के सिद्धांतों के आधार पर फीड करने की कला व विज्ञान है। इसे ह्यूमन न्यूट्रिशन्ल केयर का साइंस व आर्ट भी कहा जा सकता है। डायटेटिक्स के अंतर्गत डायट थैरेपी व उसके एप्लिकेशन पर विशेष तौर पर फोकस किया जाता है। इस तरह डायटेटिक्स का यह क्षेत्र इन दोनों से संबंधित हो सकता हैः (क) किसी व्यक्ति विशेष पर फोकस करते हुए न्यूट्रिशन केयर (ख) किसी ग्रुप पर फोकस करते हुए न्यूट्रिशन केयर तैयार करना।
किसी के अच्छे स्वास्थ्य में उसके द्वारा लिए जाने वाले आहार की अहम भूमिका होती है। अच्छे व संतुलित आहार से जहां जीवन की गुणवत्ता में सुधार होता है वहीं डायट की गड़बडी से कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं।
न्यूट्रिशियनिस्ट और डायटेटिक्स द्वारा इन्ही पहलुओं से संबंधित है। डायटेटिक्स जहां फूड मैनेजमेंट से जुडे होते हैं वहीं न्यूट्रिशियनिस्ट का काम स्वास्थ्य को बढ़ावा देना होता है। ज्यादातर शहरी लोगों के खानपान की आदतों में हुए बदलाव की वजह से न्यूट्रिशियनिस्ट और डायटेटिक्स की भूमिका और अहम हो जाती है। वे लोगों की उम्र, वर्क रुटीन व बीमारी को मद्देनजर रखते हुए सही फूड हैबिट के बारे में बताते हैं।
एक फ्रेशर को न्यूट्रिशन व डायटेटिक्स में कोर्स पूरा करने के बाद किसी स्टेंडर्ड हॉस्पिटल या प्रतिष्ठित नर्सिंग होम में प्रतिमाह 10,000 रुपये से 20,000 बतौर वेतन मिल सकता है। जबकि साथ में होटल मैनेजमेंट की डिग्री होने पर न्यूट्रिशियनिस्ट हर महीने तीस से पचास हजार रुपये तक कमा सकते हैं।
कैसेः 1900 की शुरुआत के बाद से डायटेशियन की भूमिका में काफी बदलाव हुए हैं। उनकी भूमिका के बारे में अब भी बहुत लोगों को पता नहीं है। कुछ लोग सोचते हैं कि नाम के अनुसार डायटिशियन किसी के वजन को कम करने के लिए उपयुक्त डाइट के बारे में बताते हैं जबकि यह उनकी भूमिका का एक छोटा सा हिस्सा है। डायटेशियन द्वारा मरीज व उसकी मेडिकल टीम को न्यूट्रिशन केयर के मुश्किल फैसलों को लेने में सहायता की जाती है। एशियन सोसाइटी ऑफ पैरेंटल एंड एनट्रल न्यूट्रिशन (एएसईएएन) का कहना है कि न्यूट्रिशन केयर में डायटेशियन की भूमिका पूर्व निर्धारित मानकों के अनुसार संतुलित डाइट को निर्धारित करने की होती है। । पर्याप्त पोषण ना मिलने की वजह से होने वाली बीमारी का पता चलने पर दुविधा की स्थिति उत्पन्न होती है, जिसकी वजह मरीज का कुपोषण होता है।
न्यूट्रिशन व डायटेटिक्स में बीएससी करने के लिए अभ्यर्थी का (पीसीबी) व होमसाइंस से 10 ़ 2 पास होना आवश्यक है। कुछ विश्वविद्यालयों द्वारा न्यूट्रिशन व डायटेटिक्स में पोस्टग्रेजुएट डिप्लोमा कोर्सेज की पेशकश भी की जा रही है। छात्रों को कॉलेजों द्वारा आयोजित प्रवेश परीक्षा देनी होती है। बीएसी और एमएससी के अलावा साइंस स्ट्रीम से 10 ़ 2 के बाद 4 साल के फूड टेक्नोलॉजी के कोर्सेज को भी किया जा सकता है। डायटेशियन व पब्लिक हेल्थ न्यूट्रिशन में 2 वर्ष के मास्टर्स व पीजी डिप्लोमा कोर्सेज(डीडीपीएचएन) भी उपलब्ध हैं। जिन लोगों के पास साइंस, होम साइंस, होटल मैनेजमेंट व कैटरिंग टेक्नोलॉजी, माइक्रोबायोलॉजी, बायोकेमिस्ट्री व मेडिसिन में बैचलर्स की डिग्री है वे पीजी या डिप्लोमा करने के लिए योग्य हैं।
कहांः होटल्स, क्रूज लाइंस, हॉस्पिटल्स नर्सिंग होम और सरकारी स्वास्थ्य विभागो द्वारा अच्छे वेतनमान पर न्यूट्रिशन व डायटेटिक्स प्रोफेशनल्स को रखा जाता है। यदि आप शैल, माएर्स्क जैसी शिपिंग कंपनी या लॉजिस्टिक व ऑयल के साथ टूरिस्ट शिप चलाने वाली उसकी सहायक कंपनी में काम करते हैं तो आपको शोरलाइंस पर स्थित कई देशों की यात्रा करने का अवसर मिलेगा।
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