Career in Clinical Research

Career in Clinical Research / क्लीनिकल रिसर्च में कैरियर

What: Clinical Research today is one of the fastest growing professions in India and offer excellent opportunities for graduates / post graduates from all medical, dental, homeopathic, ayurvedic, physiotherapy, pharmacy & pharmacology, life sciences, biotechnology domain and working professionals in the pharmaceutical industry. There are approx. 180 MNCs and Indian companies currently conducting clinical research in India, and large number of MNCs are increasing their outsourcing to India, due to several inherent advantages India offer. The other major advantage is that the industry is almost recession proof in India, as the current global economic condition would encourage companies to increase clinical research outsource to India.

Clinical research is a growing, Multi-billion dollar industry that provides a unique, challenging truly global and lucrative career options. The worldwide demand for clinical research is so vast that India, with its booming economy, skilled manpower and thick populace, is considered as a leading player in the arena of clinical research. India represents an upcoming global hub for clinical research industry.

There is high demand for trained professionals in this field; the pay package is impressive at the entry level. Fresher’s can expect a pay packet of around three lakhs or more per annum. If you have a master’s degree backing your qualifications, then the amount is almost doubles. Clinical research is an industry where experience counts, thus the longer you are in this field; higher the salary you can expect.

How: Optimally, training begins at the undergraduate level. Undergraduate and postgraduate degree holders in life sciences, includes nursing, physiology, biochemistry, molecular biology or pharmacy are potential candidates for entry-level positions. Aspiring clinical researchers could pursue medical studies, pharmaceutical studies or life sciences and then enter a doctoral program in their field of interest.

A doctorate in public health is a good career choice for those who are interested in the incidence and prevalence of diseases. People who prefer medical research can pursue a doctorate in biological or physical sciences or might consider a postgraduate degree in medical science. Post-doctoral training in speciality research area would be available with medical research institutions/ laboratories and universities. Specialised training in clinical research or for clinical research jobs is mainly available as a part-time diploma course. Few postgraduate degree courses in clinical research are also available.

You need a B.Sc. degree to enter this field. Ideally the industry is looking for science graduates from pharmacy, medicine, life science and bioscience. Within bioscience too there are various other fields such as botany, zoology, biochemistry and genetics. Anybody who fulfils these criteria can join the industry.

Individuals with prior work experience of 2-3 years are preferred, but like the BPO industry, there is a dearth of trained professionals here too. Thus, with the right qualifications finding a job in clinical research should not be a problem.

Where: Clinical research is a growing, Multi-billion dollar industry that provides a unique, challenging truly global and lucrative career options. The worldwide demand for clinical research is so vast that India, with its booming economy, skilled manpower and thick populace, is considered as a leading player in the arena of clinical research. India represents an upcoming global hub for clinical research industry.

Institution: (see below)

क्याः आज क्लीनिकल रिसर्च भारत में सबसे तेजी से बढ़ रहे प्रोफेशंस में से एक है और इसमें सभी मेडिकल, डेंटल, होम्योपैथिक, आयुर्वेदिक, फिजियोथेरेपी, फार्मेसी एवं फार्माकॉलजी, लाइफ सांइसेज, बायोटेक्नालॉजी डोमेन के ग्रेजुएट्स/पोस्ट ग्रेजुएट्स और फार्मास्यूटिकल इंडस्ट्री के वर्किंग प्रोफेशनल्स के लिए शानदार अवसर मौजूद है। फिलहाल लगभग 180 बहुराष्ट्रीय व भारतीय कंपनियों द्वारा भारत में क्लीनिकल रिसर्च का संचालन किया जा रहा है और भारत में मौजूद निहित लाभ की वजह से कई बहुराष्ट्रीय कंपनियां भारत से अपने आउटसोर्सिंग को बढ़ा रही हैं। इसका एक अन्य प्रमुख लाभ यह है की ये इंडस्ट्री भारत में काफी हद तक रिसेशन प्रूफ है और मौजूदा वैश्विक आर्थिक हालत में कंपनियों को भारत से क्लीनिकल रिसर्च को आउटसोर्स करने के लिए प्रोत्साहित मिलेगा।

क्लीनिकल रिसर्च एक विकसित हो रही मिलियन डॉलर इंडस्ट्री है जो अद्वितीय, चुनौतीपूर्ण, सही मायनो में ग्लोबल व आकर्षक करियर विकल्पों को प्रदान करती है। दुनिया भर में क्लीनिकल रिसर्च की मांग इतनी ज्यादा है कि भारत को उसकी बढ़ रही अर्थव्यवस्था, स्किल्ड मैनपॉवर व जनशक्ति की वजह से क्लीनिकल रिसर्च के क्षेत्र के लीडर के तौर पर देखा जा रहा है। भारत क्लीनिकल रिसर्च इंडस्ट्री के आने वाले ग्लोबल हब को रिप्रेजेन्ट करता है।

इस क्षेत्र में ट्रेन्ड प्रोफेशनल्स की बहुत मांग हैय इसमें एंट्री लेवल पर ही शानदार वेतन पैकेज की पेशकश की जाती है। फ्रेशर्स प्रतिवर्ष लगभग तीन लाख रुपए या उससे अधिक के वेतन की उम्मीद कर सकते हैं। यदि आपकी योग्यता में मास्टर्स की डिग्री भी शामिल है तो यह राशि लगभग दोगुनी हो जाती है। क्लीनिकल रिसर्च एक ऐसी इंडस्ट्री है जहां अनुभव के काफी मायने होते हैं इसलिए इस क्षेत्र में ज्यादा दिनों तक रहने पर आप और उच्च वेतन की उम्मीद कर सकते हैं।

कैसेः बेहतर ट्रेनिंग की शुरुआत स्नातक स्तर पर ही हो जाती है। नर्सिंग, फिजियोलॉजी, बायो कैमिस्ट्री, मॉल्यकूलर बायोलॉजी या फार्मेसी सहित लाइफ सांइसेंज के अंडर ग्रेजुएट व पोस्टग्रेजुएट डिग्री होल्डर्स एंट्री लेवल पोजिशन के लिए योग्य उम्मीदवारो में शामिल हैं। क्लीनिकल रिसर्चर्स मेडिकल स्टडीज, फार्मास्यूटिकल स्टडीज या लाइफ साइंसेज की पढ़ाई करने के बाद अपनी रुचि के क्षेत्र में डॉक्टरेट प्रोग्राम में प्रवेश ले सकते हैं।

बीमारियों की रोकथाम में रुचि रखने वाले लोगों के लिए पब्लिक हेल्थ में डॉक्टरेट बेहतरीन करियर विकल्प है। जिन लोगो का रुझान मेडिकल रिसर्च की तरफ होता है वे लोग बयोलॉजिकल या फिजिकल साइंस में डॉक्टरेट या मेडिकल साइंस में पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री के विकल्प को चुन सकते हैं। स्पेशलिटी रिसर्च एरिया मेडिकल रिसर्च इंस्टीट्यूशंस/लैबोरेट्रीज व यूनिवर्सिटी में उपलब्ध होती है। क्लीनिकल रिसर्च में स्पेशलाइज्ड ट्रेनिंग या जॉब मुख्य तौर पर पार्ट टाइम डिप्लोमा कोर्स के रूप में उपलब्ध है. क्लीनिकल रिसर्च में कुछ पोस्ट डिग्री कोर्सेज भी उपलब्ध हैं।

इस क्षेत्र में प्रवेश करने के लिए आपके पास बीएससी डिग्री होनी चाहिए। मुख्यतः इंडस्ट्री द्वारा फॉर्मेसी, मेडिसीन, लाइफ साइंस और बायोसाइंस के साइंस ग्रेजुएट्स की तलाश की जाती है। बायोसाइंस में भी वनस्पति विज्ञान, प्राणी विज्ञान, जैव रसायन और आनुवंशिकी जैसे विभिन्न क्षेत्र शामिल होते हैं। इन मानदंडों को पूरा करने वाला कोई भी व्यक्ति इस इंडस्ट्री में शामिल हो सकता है।

2 से 3 साल के कार्य अनुभव वाले व्यक्तियों को प्राथमिकता दी जाती है लेकिन बीपीओ इंडस्ट्री की तरह यहां भी ट्रेंड प्रोफेशनल्स की कमी है। इस तरह उपयुक्त योग्यता के साथ क्लीनिकल रिसर्च के क्षेत्र में जॉब ढूंढना कोई समस्या नहीं हैं।

कहांः क्लीनिकल रिसर्च एक विकसित हो रही मल्टी-बिलियन डॉलर इंडस्ट्री हे जो शानदार, सही मायनो में ग्लोबल व आकर्षक कैरियर विकल्पों को उपलब्ध कराती है। दुनिया भर में क्लीनिकल रिसर्च की मांग इतनी ज्यादा है कि अपनी बढ़ रही अर्थव्यवस्था स्किल्ड मैनपॉवर और विशाल जनशक्ति के साथ भारत इस क्षेत्र का प्रमुख देश बन सकता है। भारत क्लीनिकल रिसर्च इंडस्ट्री के ग्लोबल हब को रिप्रेजेन्ट करता है।

संस्थानः

INSTITUTES:

  • Academy for Clinical Excellence (ACE), Mumbai
  • Institute of Clinical Research (ICRI) Delhi
  • Bombay College of Pharmacy, Mumbai
  • Cliniminds – Academy for Clinical Research Training & Management, Bhopal

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