What: It caters to the industrial sector such as food and beverages industry, textiles industry, biological products, medicines and pharmaceuticals while on the other hand this branch of science caters to the requirements of agriculture, animal husbandry, nutrition and environmental conservation. The list is a long and an envious one.
What’s more, the branch of science we are talking about is in itself not confined or bound as a single discipline. Rather it is an interdisciplinary branch of science that is rapidly gaining significance and opportunities for youngsters who want to explore the new frontiers of science are immense. The name of the discipline is Biotechnology.
Although, the name may suggest that this branch of science is steeped in biology but this is not the case. Apart from biology, this branch of science also assimilates diverse subjects like physics, chemistry and mathematics. Furthermore, engineering applications are also an integral constituent of biotechnology.
Most of the work done by professionals engaged in biotechnology is concerned with research and development work in various laboratories.
Fresh graduates in this field can generally bag a monthly salary in the range of Rs.8, 000 to Rs.20, 000. It has been observed that candidates with a Masters degree in Biotechnology get a better starting salary as compared with students who just have a graduate degree in this field.
How: Students are showing tremendous interest in biotechnology. The primary reason behind this interest emerges from the fact that the technical and procedural application of biotechnology touches a vast array of disciplines. This in turn opens a lot many job portals for students who are seeking a stable career in their life. Biotechnology, along with its many sub-fields, finds use in so many applications that many new fields have and are being derived from within it.
The eligibility criterion for getting into an undergraduate program varies from one institution to another. In some colleges the eligibility criteria includes a 10+2 with 50% marks in Physics, Chemistry, Biology and Mathematics. In some other institutions, the 10+2 pass percentage required is 55%. Whereas some colleges consider physics, chemistry and biology combination of subjects as a basic entry level qualification and others take into account the physics, chemistry and mathematics combination. Once this eligibility criterion is met, you can get admission in to BSc programs.
Apart from undergraduate programs, many colleges and universities offer five and five-and-a-half year integrate programs (BTech/MTech) for students. It should be kept in mind that a post-graduate qualification in biotechnology is a must to enter the profitable and ever-expanding field of biotechnical applications. Some of the common areas of research include fields like: Agriculture and Agricultural Development, Animal Husbandry, Biochemistry, Biophysics, Botany, Dairy Technology, Environmental Protection, Fishery Development, Genetics, Horticulture, Medicine, Microbiology, Molecular Biology, Nutrition, Pharmacology, Tissue Culture.
Where: Career in Biotechnology is a good option in India as the country has witnessed remarkable growth in biotechnology sector. India has become one of the best destinations for biotechnology industry due to good network of research laboratories, rich biodiversity, well developed base industries, rich agriculture sector and trained manpower.
Institutions:
क्याः यह फूड व बेवरेज इंडस्ट्री, टेक्स्टाइल इंडस्ट्री, बॉयोलॉजिकल प्रोडक्ट्स, मेडिसिन व फार्मास्यूटिक्ल्स जैसे औद्योगिक क्षेत्रों से जुड़ा हुआ है वहीं दूसरी ओर विज्ञान की ये शाखा कृषि, पशुपालन, पोषण और पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकताओं से भी संबंधित है। यह सूची काफी लंबी है।
इसके अलावा विज्ञान की जिस शाखा के बारे में हम बात कर रहे हैं वह सिर्फ किसी एक क्षेत्र तक सीमित नहीं है। बल्कि यह विज्ञान की एक अंतःविषय शाखा है जिसके महत्व में तेजी से वृद्धि हो रही है और विज्ञान की नई सीमाओं को खोजने की जिज्ञासा रखने वाले युवाओं के लिए इस क्षेत्र में असीम संभावनाएं मौजूद हैं। इस क्षेत्र का नाम बायो-टेक्नालॉजी है।
हालांकि, नाम से लग सकता है कि विज्ञान की ये शाखा पूरी तरह से बायोलॉजी पर आधारित है जबकि वास्तव में ऐसा नहीं है। बायोलॉजी से अलग विज्ञान की इस शाखा में फिजिक्स, कैमिस्ट्री और मैथ्स जैसे विविध विषयों को भी शामिल किया गया है। इसके अलावा इंजीनियरिंग एप्लिकेशंस भी बायोटेक्नलॉजी के अभिन्न घटक हैं।
बायोटेक्नालॉजी के क्षेत्र में लगे प्रोफेशनल्स द्वारा किए जाने वाले ज्यादातर कार्य विभिन्न लैबोरेट्रीज में रिसर्च और डेवलपमेंट वर्क से संबंधित होते हैं।
फ्रेश ग्रेजुएट्स को इस क्षेत्र में आम तौर पर प्रतिमाह आठ से बीस हजार रुपये मिलते हैं। ऐसा देखा गया है कि बायोटेक्नालॉजी में मास्टर्स की डिग्री रखने वाले उम्मीदवारों को उन छात्रों की तुलना में बेहतर शुरुआती वेतन मिलता है जिन्होने इस क्षेत्र में सिर्फ स्नातक कर रखा है।
कैसेः छात्रों द्वारा बायोटेक्नालॉजी के क्षेत्र में जबरदस्त दिलचस्पी दिखाई जा रही हैं। बायोटेक्नालॉजी के टेक्निकल व प्रॉसिड्यूरल एप्लिकेशन की विविधता इस रुचि की मुख्य वजह है। जो छात्र अपने जीवन में एक स्थिर कैरियर की तलाश करते हैं उनके लिए इसमें कई जॉब पोर्टल्स मौजूद हैं। अपने कई उपक्षेत्रों के साथ बायोटेक्नालॉजी इतने एप्लिकेशन्स में उपयोग किया जाता है कि इसके भीतर से कई नए क्षेत्रों की उत्पत्ति भी हो जाती है।
अंडरग्रेजुएट प्रोगाम में प्रवेश के लिए पात्रता मानदंड में संस्था के अनुसार भिन्नता होती है। कुछ कॉलेजों के पात्रता मानदंड में फिजिक्स, कैमिस्ट्री, बायोलॉजी व मैथ्स में 50 फीसदी अंको के साथ 10़2 को शामिल किया गया है। कुछ कालेजो द्वारा फिजिक्स कैमिस्ट्री और बायोलॉजी के कॉम्बिनेशन को बेसिक एंट्री लेवल क्वालिफिकेशन माना जाता है जबकि कुछ कॉलेजो द्वारा फिजिक्स कैमिस्ट्री और मैथ्स के कॉम्बिनेशन को सही माना जाता है। एक बार इन पात्रता मानदंडो को पूरा करने के बाद आप बीएससी में प्रवेश ले सकते हैं।
स्नातक कार्यक्रमों के अलावा कई कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में पांच और साढ़े पांच वर्ष के इंटीग्रेटेड (बीटेक/एमटेक) कोर्सेज की पेशकश भी की जा रही है। इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए की लाभदायक और विस्तार होते बायोटेक्निकल एप्लिकेशन के क्षेत्र में प्रवेश करने के लिए बायोटेक्नालॉजी में पोस्ट ग्रेजुएट होना आवश्यक है। अनुसंधान के सामान्य क्षेत्रों में कृषि और कृषि विकास, पशुपालन, बायोकैमिस्ट्री, बायोफिजिक्स, वनस्पति विज्ञान, डेयरी प्रौद्योगिकी, पर्यावरण संरक्षण, मत्स्य विकास, जेनेटिक्स, बागवानी, चिकित्सा, सूक्ष्म जीव विज्ञान, आणविक जीवविज्ञान, पोषण, औषध विज्ञान व टिश्यू कल्चर जैसे क्षेत्र शामिल हैं।
कहांः बायोटेक्नालॉजी भारत में करियर का एक बेहतरीन विकल्प है क्योंकि बायोटेक्नालॉजी के क्षेत्र में देश में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। रिसर्च लैबोरेट्रिज के शानदार नेटवर्क, समृद्ध जैव विविधता, विकसित बेस इंडस्ट्री, रिच एग्रीकल्चर सेक्टर और ट्रेंड मैनपॉवर की वजह से भारत बायोटेक्नालॉजी इंडस्ट्री के सबसे अच्छे डेस्टिनेशन में शुमार हो गया है।
संस्थानः
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