Career in Teaching
Career in Teaching / अध्यापन में करियर
What: Since time immemorial, teaching has been considered as one of the noblest professions. Teachers have always played the role of catalyst for social changes in the society.
Mankind has always regarded teachers as a boon to the society because it’s only a teacher who by making use of his/ her intelligence, patience and wisdom attempts to not only polish the learner’s intellect and aptitude but also takes steps to shape up a multi-faceted personality.
Teaching has always held a place of pride in Indian social milieu Career of a teacher in India had ethos. Right from the famous ancient teachers like Vashisht, Dhaumya, Dronacharya, Kripacharya and Parashurama, religious teachers and preachers like Adi Shankaracharya, Ramanujacharya, Sri Ramakrishna Paramhamsa down to modern day educationists like Dr.Radhakrishnan, not forgetting our former president Dr. A.P.J Abdul Kalam, teachers have by and large been venerated held in high esteem by the pupils of all age group s and fields of study. The keynote of our culture has always been: Acharya Devo Bhava (the teacher is God).
The pay packet is the best in government-owned schools and colleges. For instance, a teacher in central school teaching primary classes gets a starting pay package of Rs. 20,000 to Rs. 25,000 depending on the class that he or she teaches. The government schools offer perquisites such as quarters and commutation and medical allowances. On the other hand, private schools usually offer a higher package of Rs. 25,000+ depending on the class, education, and experience of the teacher. But this may not include other perquisites.
For teaching in colleges, you will earn about Rs 40,000 and above depending on your education and experience.
How: In India, the available opportunities for teachers are in a variety of subjects such as English, Mathematics, Science, Social Studies, etc. The demand for good teachers is definitely high considering that today’s children are exposed to the internet and the information overflow. Moreover, virtual classroom teaching has been introduced by some schools, which increases the overall opportunities for teachers.
By pursuing a bachelor’s degree in education after or along with your graduation, you would be able to secure a position as a teacher in a good school. Usually, jobs as teachers in government schools are considered prestigious. However, if you are interested in new methodologies of teaching, you may try for a job in private schools as well.
To enter schools, you should have Bachelors in Education (B.Ed) degree. Colleges across the country offer these degrees. Some universities offer B.Ed courses by correspondence too. One can do a Master’s in Education (M.Ed) later, to add to qualifications.
Basic Training Certificate (BTC), Diploma in Education (D.Ed) and Teacher Training Certificate (TTC) are other courses that can help you get a teaching job.
Where: The recent Right to Education act introduced in India has thrown many opportunities for education of rural children. Already, India has always been in dearth of teachers in all subjects. Now, one may expect that the demand will only increase. The supply has been less usually due to lesser salaries. However, the government has taken initiatives to improve the situation.
Institutions:
- University of Delhi, New Delhi
- Loyola College, Chennai
- University of Rajasthan, Jaipur
- Jamia Millia University- New Delhi
- University of Mumbai, Mumbai
- University of Calcutta, Kolkata
क्याः अति प्राचीन काल से ही शिक्षण को सबसे अच्छे कार्यों में से एक माना गया है। शिक्षकों ने हमेशा सामाजिक बदलावों में उत्प्रेरक की भूमिका निभाई है। मनुष्य ने हमेशा शिक्षकों को समाज के लिए एक वरदान माना है क्योंकी वह शिक्षक ही होते हैं जो अपनी बुद्धि, धैर्य और ज्ञान का उपयोग करते हुए सीखने वाले की बुद्धि व योग्यता ही नहीं बढ़ाते बल्कि उनके अंदर बहुआयामी व्यक्तित्व का विकास भी करते हैं।
भारतीय सामाजिक परिवेश में अध्यापन को गौरवान्वित स्थान प्राप्त है, भारत में तो शिक्षण लोकाचार रहा है। वशिष्ठ, धौम्या, द्रोणाचार्य, कृपाचार्य और परशुराम जैसे प्रशिद्ध प्राचीन गुरुओं से लेकर आदि शंकराचार्य, रामानुजाचार्य, श्री रामकृष्ण परमहंस जैसे धार्मिक गुरुओं तक और उनसे लेकर डॉक्टर राधाकृष्णन जैसे आधुनिक शिक्षाविदो ने इस क्षेत्र को सम्मानित किया है और इन्हे सभी आयु वर्ग के विद्यार्थियों का सम्मान भी प्राप्त हुआ है इस फेहरिस्त में हम अपने पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम को नहीं भूल सकते हैं। आचार्य देवो भव (शिक्षक ही परमेश्वर है) हमेशा से हमारी संस्कृति का प्रमुख आधार रहा है।
इस क्षेत्र में सरकारी स्कूलों व कॉलेजों में अच्छा वेतनान है। जैसे सेंट्रल स्कूल के प्राइमरी क्लासेज में पढ़ाने वाले शिक्षक का शुरुआती वेतन उसके द्वारा पढ़ाए जाने वाले कक्षा के आधार पर 20,000 रुपये से 25,000 रुपये तक हो सकता है। सरकारी स्कूलों में क्वार्टर्स, कम्युटेशन व मेडिकल भत्ते जैसे अनुलाभ भी प्रदान किए जाते हैं। दूसरी ओर, प्राइवेट स्कूलों में आम तौर पर रुपये शिक्षक के क्ला,एजुकेशन व अनुभव के आधार पर 25,000 रुपये से उपर के पैकेज की पेशकश की जाती है। लेकिन इसमें अतिरिक्त अनुलाभ शामिल नहीं होते हैं।
कॉलेजों में पढ़ाने पर आपको अपनी शिक्षा व अनुभव के आधार पर आप 40,000 रुपये तक कमा सकते हैं।
कैसेः भारत में, शिक्षकों के लिए अंग्रेजी, गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान जैसे विभिन्न विषयों में अवसर उपलब्ध हैं। आज जब बच्चें इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहें हैं और इंफोर्मेशन का ओवरफ्लो हो रहा है ऐसे में अच्छे शिक्षकों की काफी जरुरत है। इसके अलावा कुछ स्कूलों द्वारा वर्चुअल क्लासरुम की शुरुआत की गई है जिससे शिक्षकों के लिए अवसर और बढ़ गए हैं।
ग्रेजुएशन के साथ या उसके बाद एजुकेशन में बैचलर्स डिग्री को हासिल करके आप किसी भी अच्छे स्कूल में बतौर शिक्षक पढ़ा सकते हैं। आमतौर पर, सरकारी स्कूलों के शिक्षकों की नौकरी को प्रतिष्ठित माना जाता है। हालांकि अगर आप पढ़ाने के नए तरीकों में रुचि रखते हैं तो आप प्राइवेट स्कूलों में भी नौकरी के लिए प्रयास कर सकते हैं।
स्कूलों में प्रवेश करने के लिए, आपके पास बैचलर्स इन एजुकेशन (बी.एड.) की डिग्री होना आवश्यक है। कुछ विश्वविद्यालयों द्वारा पत्राचार के माध्यम से भी बी.एड. कोर्सेज की पेशकश की जाती है। अपनी योग्यता को और बढ़ाने के लिए कोई चाहे तो आगे मास्टर्स इन एजुकेशन (एम.एड) भी कर सकता है।
बेसिक ट्रेनिंग सर्टिफिकेट (बीटीसी), डिप्लोमा इन एजुकेशन (डी.एड) और टीचर ट्रेनिंग सर्टिफिकेट (टीटीसी) वह अन्य कोर्सेज जो शिक्षक की नौकरी पाने में सहायक हो सकते हैं।
कहांः हाल ही में भारत सरकार द्वारा लागू किए गए शिक्षा के अधिकार से ग्रामीण बच्चों की शिक्षा के लिए तमाम अवसर पैदा हुए हैं। पहले से ही भारत में सभी विषयों के शिक्षकों की कमी है। अब मांग में इजाफे की उम्मीद की जा सकती है। आमतौर पर कम वेतन की वजह से आपूर्ति में कमी थी हालांकि, सरकार से इन परिस्थितियों को सुधारने के लिए कदम उठाने शुरु कर दिए हैं।
संस्थानः
ऽ यूनिवर्सिटी ऑफ दिल्ली, नई दिल्ली
ऽ लोयोला कॉलेज, चेन्नई
ऽ यूनिवर्सिटी ऑप राजस्थान, जयपुर
ऽ जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी, नई दिल्ली
ऽ यूनिवर्सिटी ऑफ मुंबई, मुंबई
ऽ यूनिवर्सिटी ऑफ कोलकाता, कोलकाता
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