Career in Electronic Engineering
Career in Electronic Engineering / इलेक्ट्रानिक इंजीनियरिंग में करियर
What: Electronics and communication engineering is an engineering discipline which uses the scientific knowledge of the behaviour and effects of electrons to develop components, devices, systems, or equipment that uses electricity as part of its driving force. The engineering field encompasses many subfields including those that deal with power, instrumentation engineering, telecommunications, semiconductor circuit design, and many others.
Electrical engineering is one of the core fields of engineering, so it is always evergreen in terms of Scope and Job Prospects. Electrical Engineering is the heart of whole engineering discipline and therefore it scope will never fade even many years from now. Nowadays, we see Electronics playing an important role in the implementation and control of Electrical Machines. Keeping this fact file in mind the course have transformed from core electrical Engineering into a Fusion of Electronics and Electrical and has been renamed as Electronics and Electrical engineering or simply EEE.
Working experience, qualifications, ability are important factors in determining the pay level. The trainee engineer earns Rs 20,000- 30,000 per month. A middle level technical professional gets Rs 70,000- 80,000 a month. A senior manager earns Rs 1.5 lakh a month.
How: Electronic Engineering is a field that is constantly changing and widening and being one of the most labour intensive fields, has the power to provide career and job opportunities to plenty of qualified and skilled candidates. After a degree in this particular branch of engineering, a person can get easily find employment in the telephone industries, the aviation departments, in factories that deal with electronic consumer goods, in the radio services, in manufacturing companies and even in governmental sectors like MTNL, AIR, etc.
In fact, Electronic Engineers are also needed in the defence and in plenty of research laboratories. And if they want, these engineers can also start their own business by manufacturing electronic goods, their parts and other components. Therefore, one can evidently see that the scope of a degree in Electronic Engineering is indeed quite huge!
The basic eligibility criteria for a BE / B.Tech is 10+2 or equivalent examination, with Physics, Chemistry and Mathematics. Admission to these courses is highly competitive and only those with high academic performance in the board of examination i.e. the marks secured in the final exams of 10+2 and in the entrance test can expect admission. Entrance to the IIT’s is through ‘JEE’ (Joint Entrance Exam) and for other major institutions through AIEEE (All India Engineering/Pharmacy/Architecture Entrance Examination) OR their own separate entrance exams and other state level and national level exams.
Where: Students having strong logical and analytical skills along with the capability to capture new things and attention to detail always do well in this field. A Successful Electrical Engineer must mould his methodologies as well as his technologies according to the changing technological scenario of the current Market. There are plenty of jobs for skilled electronics engineers with post-secondary qualifications. An electronics engineer can get a job in the Central Government, State Governments and their sponsored corporations in public enterprises and the private organizations
Institutions:
क्याः इलेक्ट्रॉनिक्स एवं कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग की वह शाखा है जो इलेक्ट्रॉन्स के व्यवहार व प्रभाव के वैज्ञानिक ज्ञान का इस्तेमाल ऐसे कंपोनेंट्स, डिवाइसेज, सिस्टम या इक्विपमेंट्स को बनाने में करते है जो इलेक्ट्रिसिटी का उपयोग ड्राइविंग फोर्स के तौर पर करते हैं। इंजीनियरिंग के क्षेत्र में बिजली, उपकरण इंजीनियरिंग, दूरसंचार, सेमीकंडक्टर सर्किट डिजाइन सहित कई अन्य उपक्षेत्र शामिल होते हैं।
इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, इंजीनियरिंग के मुख्य क्षेत्रों में से एक है इसलिए रोजगार की संभावनाओं के मद्देनजर यह क्षेत्र सदाबहार माना जाता है। इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग पूरी इंजीनियरिंग का क्रेंद्रबिंदु है इसलिए आज से कई वर्षों बाद भी इसके स्कोप में कोई कमी होने की गुंजाइश नहीं है। आजकल, हम देखते हैं इलेक्ट्रॉनिक्स मशीनों के कार्यान्वयन और नियंत्रण में इलेक्ट्रॉनिक्स एक अहम भूमिका निभा रहा है। इस तथ्य को मद्देनजर रखते हुए यह कोर्स कोर इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग से इलेक्ट्रॉनिक्स और इलेक्ट्रिकल का फ्यूजन बन गया है और अब इसे इलेक्ट्रॉनिक्स व इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग या सिर्फ ईईई का नाम दे दिया गया है।
काम का अनुभव, योग्यता और क्षमता वेतन स्तर के निर्धारण के प्रमुख कारक हैं। एक ट्रेनी इंजीनियर की मासिक आय बीस से तीस हजार रुपये होती है। एक मध्यम स्तर का टेक्निकल प्रोफेशनल प्रतिमाह सत्तर से अस्सी हजार रुपये तक कमाता है। सीनियर मैनेजर की आय प्रतिमाह डेढ़ लाख रुपये तक होती है।
कैसेः इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग एक ऐसा क्षेत्र है जो लगातार बदल रहा है और बढ़ रहा है और गहन श्रम आधारित क्षेत्र के तौर पर इसमें योग्य और कुशल उम्मीदवारों बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर प्रदान करने की क्षमता है। इंजीनियरिंग की किसी विशेष शाखा में डिग्री प्राप्त करने के बाद कोई भी आसानी से टेलीफोन इंडस्ट्री, एविएशन डिपार्टमेंट, इलेक्ट्रानिक कंज्यूमर गुड्स की फैक्ट्री, रेडियो सर्विसेज और विनिर्माण कंपनियों के साथ साथ एमटीएनएल व एआईआर जैसे गर्वमेंट सेक्टर में रोजगार प्राप्क कर सकता है।
दरअसल इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियर्स की जरुरत डिफेंस व कई रिसर्च लैबोरेट्रीज में भी होती है। और अगर ये इंजीनियर्स चाहे तो वे इलेक्ट्रॉनिक गुड्स व उनके कंपोनेंट्स का निर्माण करके अपने खुद के व्यवसाय की शुरूआत भी कर सकते हैं। इसलिए स्पष्ट तौर पर देखा जा सकता है की इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग में डिग्री के बाद असीम संभावनाएं मौजूद हैं।
बीई/बी.टेक के लिए बुनियादी योग्यता फिजिक्स, कैमिस्ट्री व मैथमैटिक्स के साथ 10$2 या समकक्ष है। इन कोर्सेज में प्रवेश के काफी प्रतिस्पर्धी होता है और बोर्ड परीक्षा में शानदार एकेडमिक परफॉर्मेंस करने वाले यानि 10$2 के अंतिम परीक्षा में अच्छे अंक अर्जित करने वाले विद्यार्थी एडमिशन की उम्मीद कर सकते हैं। आईआईटी में प्रवेश ’जेईई’ (संयुक्त प्रवेश परीक्षा) के माध्यम से होता है जबकि अन्य प्रमुख संस्थानों में प्रवेश एआईईईई(ऑल इंडिया इंजीनियरिंग/फार्मेसी/आर्किटेक्टर इंट्रेस एक्जामिनेशन) के माध्यम से होता है या उनके द्वारा अलग से अपनी परीक्षा के आयोजन किए जाते हैं इसके अलावा अन्य राज्य स्तर की और राष्ट्रीय स्तर की परीक्षाओं के आयोजन भी किए जाते है।
कहांः नई चीजों को सीखने की क्षमता व विस्तार से जानने की जिज्ञासा के साथ मजबूत तार्किक और विश्लेषणात्मक कौशल वाले छात्र हमेशा इस क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन करते हैं। एक सफल इलेक्ट्रिकल इंजीनियर को बाजार की बदलती टेक्नालॉजी के अनुसार अपने तौर-तरीको में बदलाव लाना चाहिए। पोस्ट सेकेंड्री योग्यता वाले कुशल इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर्स के लिए रोजगार के ढ़ेर सारे विकल्प मौजूद हैं। एक इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर को केंद्र सरकार व राज्य सरकारों के अलावा उनके सार्वजनिक उद्यमों व निजी संगठनों में काम करने का अवसर मिल सकता है।
संस्थानः
INSTITUTES:
- AIEEE: ( Seats Around 1300)
- IITs: Seats: ( Around 370)
- Vellore Institute of Technology in Vellore, Tamil Nadu
- Faculty of Engineering and Technology, Jamia Millia Islamia
- Institute of Technical Education and Research, Bhubaneswar, Orissa
- ENGINEERING AND TECHNOLOGY
- Career in Aeronautical Engineering
- Career in Aircraft Maintenance
- Career in Architecture
- Career in Calibration and Testing
- Career in Electronic Engineering
- Career in Fire Engineering
- Career in Industrial Design
- Career in Instructional Design
- Career in Mechanical Engineering
- Career in Naval Architecture, Ocean Engineering
- Career in Telecom Sector
- CAREER CLUSTERS
- ACCOUNTS AND FINANCE
- BUSINESS MANAGEMENT AND ADMINISTRATION
- DEFENCE & MILITARY
- DESIGNING & ART
- EDUCATION & TRAINING
- ENGINEERING AND TECHNOLOGY
- HEALTH SCIENCES
- HUMANISTIC STUDIES
- INFORMATION TECHNOLOGY
- LAW AND JUDICIARY
- MEDIA AND ENTERTAINMENT
- PUBLIC ADMINISTRATION AND GOVERNANCE
- SCIENCE AND RESEARCH
- TRAVEL TOURISM AND HOSPITALITY
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