What: Institute of Cost Accountants of India (ICMAI) established by an act of Parliament in the year 1959 is the only professional body specialised in the field of Cost and Management Accounting in India. Institute of Cost Accountants of India promotes, regulates, and develops the profession of Cost Accountancy in India. The main job of a Cost Accountant is to collect, assimilate, and analyse financial information from all areas of the organization. A degree in cost accounting equips a candidate with the adequate knowledge to manage finance of the organization competently and ensure managerial decisions are well within the available resources.
With the globalization of the economy, there is a high demand of cost and management professionals and in the near future more professionals will be required with the good knowledge of cost accounting.
ICMAI passed candidates can hold top management positions such as Financial Controller, Cost Controller, Accountant, Finance Manager, and Chief Internal Auditor etc. After having Certification of manufacturing account as per Customs Act and Certification under Export & Import Policy they can also start their own business in Consultancy assignments.
ICMAI holders can find opportunities with engineering consulting companies like RITES Ltd. Eligible candidates can take up the role of Manager, Junior Manager, etc. Those with seven year work experience can get in the role of Manager and can earn salary packages up to Rs. 1,50,000/- per month. Fresh ICMAI candidates will be recruited to the role of Junior Manager and can earn salary packages around Rs. 35,000/- per month.
How: The Cost and Management Accountants facilitate strategic management decision in respect of economic activities of an organization by their sheer expertise. Study of Cost & Management Accountancy provides in depth knowledge and perspective to manage business under given circumstances. This is a field which provides satisfaction in terms of position as well as remuneration for successful candidates.
Candidates with 10+2 qualification can join the Institute’s Intermediate course after qualifying the Foundation Course examination of the Institute. Students awaiting result of 10+2 examination may be permitted to appear in the Foundation Course examination. Similarly students awaiting result of Graduation examination may also avail the facility of provisional registration. Direct Registration without appearing for the Foundation course is open to Graduates of any discipline.
Where: The ICMAI offers two types of tuition – Postal through its four Regional Councils situated in four metropolises and oral through its more than 106 affiliated Oral Coaching Centres spread all over the country.
Institutions:
क्याः इंस्टीट्यूट ऑफ कॉस्ट एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएमएआई) की स्थापना 1959 में संसदीय अधिनियम द्वारा की गई थी, यह कॉस्ट व मैनेजमेंट के क्षेत्र में भारत की एकमात्र स्पेशलाइज्ड प्रोफेशनल बॉडी है। इंस्टीट्यूट ऑफ कॉस्ट एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया द्वारा देश में कॉस्ट एकाउंटेंसी को बढावा देने व नियंत्रित किए जाने के साथ उसे विकसित भी किया जाता है। कॉस्ट एकाउंटेंट का मुख्य काम संस्थान के सभी क्षेत्रों से वित्तीय जानकारियों को एकत्र करके उनका विश्लेषण करना होता है। कॉस्ट एकाउंटिंग की डिग्री से अभ्यर्थी के संगठन के वित्त का प्रबंधन करने की क्षमता आती है और इससे यह सुनिश्चित होता है की प्रबंधकीय फैसलें उपलब्ध संसाधनों के अनुसार ही लिए गए हैं।
अर्थव्यवस्था के वैश्वीकरण के कॉस्ट एंड मैनेजमेंट प्रोफेशनल्स की मांग में इजाफा हुआ है और निकट में कॉस्ट एकाउंटिंग की अच्छी जानकारी रखने वाले प्रोफेशनल्स की मांग में और वृद्धि होगी।
आईसीएमएआई पास उम्मीदवार वित्तीय नियंत्रक, लागत नियंत्रक, लेखाकार, वित्त प्रबंधक, और मुख्य आंतरिक लेखा परीक्षक जैसे शीर्ष प्रबंधन वाले पदों को प्राप्त कर सकते हैं। कस्टम एक्ट के तहत मैन्युफैक्चरिंग एकाउंट और एक्सपोर्ट व इंपोर्ट पॉलिसी का सर्टिफिकेशन हो जाने के बाद वे कंसलटेंसी असाइनमेंट्स में अपना खुद का बिजनेस भी शुरु कर सकते हैं।
आईसीएमएआई होल्डर्स राइट्स लिमिटेड जैसी इंजीनियरिंग कंसलटिंग कपनियों में अवसर की तलाश कर सकते हैं। योग्य उम्मीदवारों को मैनेजर या जूनियर मैनेजर का पद दिया जाता है। सात साल के कार्य अनुभव वाले लोगों को मैनेजर का पद मिलता है और उनका सेलेरी पैकेज प्रतिमाह रु 1,50,000 के आसपास होता है। फ्रेश आईसीएमएआई उम्मीदवारों को जूनियर मैनेजर का पद दिया जाता है और उनका वेतन प्रतिमाह रु 35,000 के करीब होता है।
कैसेः कॉस्ट एंड मैनेजमेंट एकाउंटेंट्स को अपनी विशेषज्ञता से संगठन की आर्थिक गतिविधियों के संबंध में रणनीतिक प्रबंधन का निर्णय लेते हैं। कॉस्ट एंड मैनेजमेंट एकाउंटेंसी की पढ़ाई के अंतर्गत दी गई परिस्थितियों में कारोबार का प्रबंधन करने के लिए पर्याप्त जानकारियां प्रदान की जाती हैं। यह एक ऐसा क्षेत्र है जो सफल उम्मीदवारों को पोजिशन के साथ साथ पारिश्रमिक के मामले में संतुष्टि प्रदान करता है।
10+2 की योग्यता वाले उम्मीदवार संस्थान की फाउंडेशन कोर्स परीक्षा को पास करने के बाद संस्थान के इंटरमीडिएट कोर्स में शामिल हो सकते हैं। 10+2 परीक्षा के रिजल्ट का इंतजार कर रहे छात्रों को फाउंडेशन कोर्स एक्जाम में बैठने की अनुमति दी जा सकती है। इसी तरह स्नातक परीक्षा के परिणाम का इंतजार कर रहे छात्र भी प्रोविजनल रजिस्ट्रेशन की सुविधा का लाभ उठा सकते हैं। किसी भी विषय के ग्रेजुएट के लिए फाउंडेशन कोर्स में शामिल हुए बगैर सीधे रजिस्ट्रेशन का विकल्प भी मौजूद है।
कहांः आईसीएमएआई द्वारा दो तरह के ट्यूशन की पेशकश की जाती है – चार महानगरों में स्थित चार क्षेत्रीय परिषदों के माध्यम से पोस्टल सेवा और देश भर में मौजूद इसके 106 से अधिक संबद्ध ओरल कोचिंग सेंटर्स के माध्यम से मौखिक सेवा।
संस्थानः
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